ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट द्वारा भी स्पोंडिलोसिस मरीज़ों पर डी.आई.पी डाइट का क्लीनिकल ट्रायल किया और सकारात्मक नतीजा पाया। उनका कहना है कि इस किताब को पढ़ने के बाद आप उन सभी डॉक्टरस के पास जाना बंद कर देंगे जो आपको कीमोथेरपी, रेडियोथेरेपी, सर्जरी, वैक्सीनेशन लेने की सलाह देते है। उन्होंने रिसर्च पेपर के बारे में कहा कि मेडिकल साइंस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक टाइप 1 डायबिटीज के मरीज़ जो सात सालों से रोज़ाना लगभग 60 यूनिट्स इन्सुलिन की लेते थे और अब वह डी.आई.पी डाइट की बदौलत इन्सुलिन पर निर्भर नहीं है। उन्होंने अपनी डाइट में बदलाव कर इन्सुलिन के इंजेक्शंस से छुटकारा पाया।